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राज्यपाल ने इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि स्व. सीताराम मारू जी मां भारती के ऐसे तपस्वी और कर्मठ सपूत थे, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज, संस्कृति और राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया. उनकी जन्म शताब्दी पर डाक विभाग द्वारा स्मारक डाक टिकट जारी करना उनके जीवन और कार्यों को सच्ची श्रद्धांजलि है.

राज्यपाल ने स्व. मारू के योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि सामाजिक व सांस्कृतिक चेतना जगाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनका जीवन निरंतर समाज और राष्ट्र की सेवा में व्यतीत हुआ. उन्होंने कहा कि स्व. मारू  ने समाज सेवा के क्षेत्र में ‘मारवाड़ी सहायक समिति’ और नागरमल मोदी सेवा सदन की स्थापना में अविस्मरणीय योगदान दिया. संस्कृति विहार के अध्यक्ष के रूप में संस्कृति संरक्षण और शिक्षा, चिकित्सा व ग्रामोन्नति की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए. पत्रकारिता के क्षेत्र में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा. पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रेरणा से उन्होंने ‘रांची एक्सप्रेस’ और ‘जय मातृभूमि’ जैसे समाचार पत्र प्रारंभ किए, जिन्होंने राष्ट्रवाद की भावना को जन-जन तक पहुँचाने और समाज को दिशा देने का कार्य किया.

राज्यपाल ने कहा कि धर्म और संस्कृति के प्रति उनकी गहरी आस्था का प्रमाण बुंडू (रांची) स्थित सूर्य उपासना भवन (सूर्य मंदिर) का निर्माण है, जो आज झारखंड का प्रमुख धार्मिक व सांस्कृतिक पर्यटन स्थल है. उन्होंने कहा कि स्व. सीताराम मारू जी का जीवन इस बात का सजीव उदाहरण है कि निःस्वार्थ भाव से समाज और राष्ट्र की सेवा करने वाला व्यक्ति आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शक बन जाता है.

राज्यपाल ने भारतीय डाक विभाग को बधाई देते हुए कहा कि स्व. मारू जी पर आधारित यह स्मारक डाक टिकट नयी पीढ़ी को उनके जीवन मूल्यों से प्रेरणा लेने हेतु सदैव प्रेरित करता रहेगा. समारोह में केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास, पूर्व राज्यसभा सांसद अजय मारू समेत  सीताराम मारू के परिजन, भारतीय डाक विभाग के अधिकारीगण एवं अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित रहे.

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