
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 15-16 अक्टूबर 2025 को ब्राजील के रियो डी जेनेरो में होने वाले G20 रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। इस दौरान वे ब्राजील के उपराष्ट्रपति वाल्डेमर डा कosta नेटो (Vice President Geraldo Alckmin) और रक्षा मंत्री जोस मुचोनी जूनियर (José Múcio Monteiro Júnior) के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। यह बैठक भारत-ब्राजील रक्षा सहयोग को मजबूत करने और वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर फोकस करेगी।बैठक का पृष्ठभूमि
- G20 रक्षा मंत्रियों की बैठक: यह पहली बार G20 समूह के रक्षा मंत्रियों की बैठक हो रही है, जिसकी मेजबानी ब्राजील कर रहा है। थीम है “शांति, सुरक्षा और समृद्धि”। इसमें 20 देशों के रक्षा नेता हिस्सा लेंगे, जहां यूक्रेन संकट, साइबर सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन से जुड़े सुरक्षा खतरे और दक्षिणी गोलार्ध की चुनौतियां चर्चा का विषय होंगी।
- भारत-ब्राजील संबंध: दोनों देश BRICS और G20 के संस्थापक सदस्य हैं। हाल ही में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा की भारत यात्रा (सितंबर 2025) के बाद रक्षा सहयोग बढ़ा है। फोकस: संयुक्त सैन्य अभ्यास (जैसे IBSA Dialogue Forum), रक्षा उपकरण निर्यात (भारत का ब्राजील को ब्रह्मोस मिसाइल बेचना) और नौसेना सहयोग।
- राजनाथ सिंह का एजेंडा:
- ब्राजील के उपराष्ट्रपति (जो आर्थिक मामलों के मंत्री भी हैं) से: रक्षा उद्योग में निवेश और तकनीकी हस्तांतरण पर बात।
- रक्षा मंत्री से: दक्षिण अमेरिका में शांति स्थापना मिशनों (UN Peacekeeping) में सहयोग, साइबर युद्ध और AI-आधारित रक्षा तकनीक।
- अन्य मुलाकातें: संभावित रूप से यूएस, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका के रक्षा मंत्रियों से साइडलाइन चर्चा।
अपेक्षित परिणाम
- संयुक्त बयान: G20 रक्षा मंत्रियों का संयुक्त घोषणा-पत्र, जिसमें आतंकवाद विरोधी रणनीति और जलवायु सुरक्षा पर सहमति।
- द्विपक्षीय समझौते: भारत-ब्राजील के बीच रक्षा संयुक्त कार्य समूह (JWG) की अगली बैठक तय हो सकती है।
- रणनीतिक महत्व: यह बैठक भारत की “Act East” नीति और दक्षिणी गोलार्ध में प्रभाव बढ़ाने का हिस्सा है, खासकर चीन की बढ़ती मौजूदगी के बीच।
यह यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति को मजबूत करेगी।