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GST 2.0.. खाने-पीने से लेकर दवाइयों तक कई चीजें हुई सस्ती, जानें आपके काम की कौन-सी आइटम किस स्लैब में.. देखें पूरी लिस्
- By: Rastriyanaveenmail
- October 03 2025 10:29:40 AM

राष्ट्रीयनवीनमेल
रांची/डेस्क: देशह में टैक्स सिस्टम को लेकर बड़ा बदलाव हुआ हैं. जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में सरकार ने आम आदमी को प्री-दिवाली गिफ्ट दे दिया हैं. नए जीएसटी सुधार के तहत 100 से ज्यादा सामानों और सर्विस पर टैक्स स्लैब घटाए गए हैं. वहीं कुछ लग्जरी और मनोरंजन से जुड़े सेक्टर का बोझ और बढ़ा दिया गया हैं. नए रेट 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे. आइए जानते है किस चीज पर अब जेब ढीली होगी और कहां राहत मिलेगी.
जरुरी सामानों पर राहत
खाने-पीने की कई चीजें जैसे मक्खन, घी, पनीर, सोया दूध, मिठाइयां, पास्ता, बिस्कुट, चॉकलेट, फल का रस और नारियल पानी अब सस्ते हो जाएंगे. इन पर टैक्स स्लैब घटाकर 12 और 18 प्रतिशत से 5 प्रतिशत कर दिया गया हैं. वहीं पैक्ड पिज्जा ब्रेड, रोटी और खाखरा पर अब जीएसटी बिल्कुल नहीं लगेगा.
- वनस्पति वसा/तेल (12% से 5% में)
- मोम, वनस्पति मोम (18% से 5% में)
- मांस, मछली, फूड प्रोडक्ट्स (12% से 5% में)
- डेयरी उत्पाद जैसे मक्खन, घी, पनीर, गाढ़ा/पनीर (12% से 5% में)
- सोया दूध (12% से 5% में)
- चीनी, उबली हुई मिठाइयां (12%-18% से 5% में)
- चॉकलेट और कोको पाउडर (18% से 5% में)
- पास्ता, कॉर्न फ्लेक्स, नूडल्स, बिस्कुट, माल्ट एक्सट्रेक्ट यानी गैर-कोको (12%-18% से 5% में)
- जैम, जेली, मुरब्बा, मेवे/फलों का पेस्ट, सूखे मेवे, मेवे (12% से 5% में)
- फलों का रस, नारियल पानी (12% से 5% में)
- पहले से पैक पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती, रोटी (5% से शून्य)
घरेलू और पर्सनल केयर आइटम्स
अब शैम्पू, साबुन, टूथपेस्ट, शेविंग प्रोडक्ट्स, टैल्कम पाउडर और टूथब्रश भी सस्ते मिलेंगे. सिलाई मशीन, बैग, मोमबत्तियां और बच्चों के डायपर पर भी टैक्स घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया हैं. पेंसिल और इरेजर अब टैक्स-फ्री हो गए हैं.
- हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, शेविंग उत्पाद, टैल्कम पाउडर (18% से 5%)
- टॉयलेट साबुन (बार/केक) (18% से 5%)
- टूथब्रश, डेंटल फ्लॉस (18% से 5%)
- शेविंग क्रीम/लोशन, आफ्टरशेव (18% से 5%)
- सामान्य टेबलवेयर/किचनवेयर (लकड़ी, लोहा, तांबा, एल्युमीनियम, प्लास्टिक) (12% से 5%)
- दूध पिलाने की बोतलें और निप्पल, प्लास्टिक के मोती (12% से 5%)
- इरेजर (5% से शून्य)
- मोमबत्तियां (12% से 5%)
- छाते और संबंधित वस्तु (12% से 5%)
- सिलाई सुइयां (12% से 5%)
- सिलाई मशीनें और पुर्जे (12% से 5%)
- कपास/जूट से बने हैंड बैग (12% से 5%)
- शिशुओं के लिए नैपकिन/डायपर (12% से 5%)
- पूरी तरह से बांस, बेंत, रतन से बने फर्नीचर (12% से 5%)
- दूध के डिब्बे (लोहा/स्टील/एल्यूमीनियम) (12% से 5%)
- पेंसिल, शार्पनर, चॉक (12% से शून्य)
- मानचित्र, ग्लोब, चार्ट (12% से शून्य)
- प्रैक्टिस बुक, नोटबुक (12% 5% से शून्य)
इलेक्ट्रॉनिक्स और एग्रीकल्चर
एसी, टीवी और डिसवॉशर की कीमतों में भी राहत मिलेगी क्योंकि इन पर टैक्स 28 से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया हैं. किसानों को भी बड़ा फायदा होगा क्योंकि ट्रैक्टर, कृषि मशीनरी और सिंचाई उपकरणों पर टैक्स कम होकर 5 प्रतिशत हो गया हैं.
- एयर कंडीशनर (AC) (28% से 18%)
- बर्तन धोने की मशीनें (28% से 18%)
- टीवी (एलईडी, एलसीडी), मॉनिटर, प्रोजेक्टर (28% से 18%)
- ट्रैक्टर (1800cc से अधिक क्षमता वाले सड़क ट्रैक्टरों को छोड़कर) (12% से 5%)
- पिछले ट्रैक्टर टायर/ट्यूब (18% से 5%)
- मिट्टी/कटाई/थ्रेसिंग के लिए कृषि मशीनरी (12% से 5%)
- कम्पोस्टिंग मशीनें (12% से 5%)
- स्प्रिंकलर/ड्रिप सिंचाई/लॉन/स्पोर्ट्स रोलर्स (12% से 5%)
- जैव-कीटनाशक, सूक्ष्म पोषक तत्व (12% से 5%)
- ईंधन के लिए पंप (28% से 18%)
- ट्रैक्टरों के लिए हाइड्रोलिक पंप (18% से 5%)
हेल्थ सेक्टर पर खुशखबरी
हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस अब जीरो टैक्स स्लैब में आ गए हैं. थर्मामीटर, डायग्नोस्टिक किट और कई जरुरी दवाओं पर भी जीएसटी घटा दिया गया हैं. ग्लूकोमीटर और मेडिकल ऑक्सीजन अब सस्ते मिलेंगे.
- हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस (18% से शून्य)
- थर्मामीटर, डायग्नोस्टिक किट (12% 18% से 5%)
- रक्त ग्लूकोज मॉनिटर (ग्लूकोमीटर) (12% से 5%)
- मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन और हाइड्रोजन पेरोक्साइड (12% से 5%)
- चश्मा (12% से 5%)
- मेडिकल/सर्जिकल रबर के दस्ताने (12% से 5%)
- कई दवाएं और खास दवाएं (12% से 5% या शून्य)
- चयनित दुर्लभ औषधियां (5% या 12% से शून्य)
महंगी हुई लग्जरी और मनोरंजन
जहां एक ओर जरुरी चीजों पर राहत मिली है, वहीं लग्जरी सेक्टर पर बोझ बढ़ा हैं. बड़ी एसयूवी, प्रीमियम कारें और 350 सीसी से ज्यादा की मोटरसाइकिलों पर टैक्स 40 प्रतिशत कर दिया गया हैं. सिगरेट, सिगार और कैफीन युक्त पेय भी महंगे हो जाएंगे. यहां tak कि क्रिकेट मैच के टिकटों पर भी जीएसटी बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया हैं.
- टायर (28% से 18%)
- मोटर वाहन (छोटी कारें, तिपहिया वाहन, एम्बुलेंस, 350cc से छोटी मोटरसाइकिल, कमर्शियल व्हीकल) (28% से 18%)
- मोटरसाइकिलें 350cc से छोटी (28% से 40%)
- बड़ी एसयूवी, लक्जरी/प्रीमियम कारें, सीमा से ऊपर की हाइब्रिड कारें, रेसिंग कारें (28% से 40%)
- रोइंग बोट/डोंगी (28% से 18%)
- साइकिलें और गैर-मोटर तिपहिया वाहन (12% से 5%)
- सिगार, सिगरेट, तंबाकू उत्पाद (28% से 40%)
- बीड़ी (पारंपरिक हाथ से बनी) (28% से 18%)
- कार्बोनेटेड/वातित पेय, स्वादयुक्त पेय, कैफीनयुक्त पेय (28% से 40%)
- पौधे-आधारित दूध, फलों के गूदे से बने पेय (18% या 12% से 5%)
कपड़े, कला और निर्माण सामग्री
रेडीमेड कपड़े, सिलाई धागा और सिंथेटिक फाइबर पर टैक्स घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया हैं. हस्तशिल्प, पेंटिंग और चमड़े के उत्पाद भी अब सस्ते होंगे. वहीं सीमेंट और टाइल्स जैसी निर्माण सामग्री पर भी टैक्स घटाकर 18 या 5 प्रतिशत कर दिया गया हैं.
- सिंथेटिक धागे, बिना बुने कपड़े, सिलाई धागा, स्टेपल फाइबर (12% और 18% से 5%)
- परिधान, रेडिमेड, ₹2,500 से अधिक नहीं (12% से 5%)
- परिधान, रेडिमेड, ₹2,500 से अधिक (12% से 18%)
- अभ्यास पुस्तिकाओं, ग्राफ पुस्तकों, प्रयोगशाला नोटबुक के लिए कागज (12% से शून्य)
- ग्राफिक कागज (12% से 18%)
- कागज के बोरे या बैग, बायोडिग्रेडेबल बैग (18% से 5%)
हस्तशिल्प और कला
- नक्काशीदार कला उत्पाद (लकड़ी, पत्थर, आधार धातु, कॉर्क) (12% से 5%)
- हाथ से बने कागज और पेपरबोर्ड (12% से 5%)
- हस्तशिल्प लैंप (12% से 5%)
- पेंटिंग, मूर्तियां, पेस्टल, प्राचीन संग्रहणीय वस्तुएं (12% से 5%)
चमड़ा पर टैक्स
- तैयार चमड़ा (12% से 5%)
- चमड़े के सामान, दस्ताने (12% से 5%)
बिल्डिंग निर्माण वस्तुओं पर टैक्स
- टाइलें, ईंटें, पत्थर जड़ाई कार्य (12% से 5%)
- पोर्टलैंड, स्लैग, हाइड्रोलिक सीमेंट (28% से 18%)
ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा
- सौर कुकर/वॉटर हीटर, बायोगैस/पवन/अपशिष्ट से ऊर्जा/सौर पैनल (12% से 5%)
- ईंधन सेल मोटर वाहन (12% से 5%)
- कोयला, लिग्नाइट, पीट (5% से 18%)
सर्विस सेक्टर्स
- जॉब वर्क, छाता, छपाई, ईंटें, फार्मास्यूटिकल्स, खाल/चमड़ा ITC के साथ (12% से ITC के साथ 5%)
- ₹7,500 दिन से कम होटल आवास (12% से 5%)
- सिनेमा (टिकट ₹100 से कम) (12% से 5%)
- सौंदर्य सर्विस (18% से 5%) (कोई आईटीसी नहीं)
- कैसीनो/रेस क्लब प्रवेश, सट्टेबाजी/जुआ (28% से 40%)
- क्रिकेट मैच टिकट (घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय) (12% से 18%)

