
1972 में प्रस्तावित योजना राजनीतिक कारणों से नहीं हुई पूरी, आज भी अधूरा सपना
नवीन मेल संवाददाता
मोहम्मदगंज। भीमबराज से निकाली गई नहर आज भी किसानों के लिए अधूरी उम्मीद बनी हुई है। 1972 में उत्तर कोयल परियोजना के तहत कुटकू बांध और भीमबराज बराज से उपरी नहर निकालने की योजना बनाई गई थी ताकि पहाड़ों की तलहटी और मैदानी क्षेत्र को सिंचाई का लाभ मिल सके।
राजनीतिक कारणों से यह योजना साकार नहीं हो सकी। पूर्व मंत्री कमलेश कुमार सिंह और पूर्व विधायक दशरथ कुमार सिंह ने इसे आगे बढ़ाने की कोशिश की, पर सरकार के बदलने से प्रक्रिया रुक गई। विशेषज्ञों का मानना है कि नहर बन जाने से इस इलाके को पंजाब-हरियाणा जैसी कृषि उन्नति मिलती, पलायन रुकता और किसान आत्मनिर्भर बनते। किसानों का कहना है कि उपरी नहर का निर्माण आज भी जरूरी है ताकि हरियाली और खुशहाली का सपना पूरा हो सके।