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इजरायली बंधकों की रिहाई का स्वागत, ट्रंप के शांति प्रयासों का समर्थन: पीएम मोदी

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा में इजरायली बंधकों की रिहाई और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति योजना के पहले चरण पर सहमति का जोरदार स्वागत किया है। उन्होंने इसे क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया, साथ ही इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व की भी सराहना की। यह बयान ऐसे समय आया है जब सभी 20 जीवित इजरायली बंधक हमास द्वारा रिहा कर इजरायल पहुंच चुके हैं, और ट्रंप मिस्र में शांति शिखर सम्मेलन के लिए रवाना हो चुके हैं।पीएम मोदी का बयान: मुख्य बिंदुपीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट साझा करते हुए कहा:”हम राष्ट्रपति ट्रंप की शांति योजना के पहले चरण पर हुए समझौते का स्वागत करते हैं। यह प्रधानमंत्री नेतन्याहू के सशक्त नेतृत्व का भी प्रतीक है। हमें उम्मीद है कि बंधकों की रिहाई और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता में वृद्धि से उन्हें राहत मिलेगी और स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त होगा।”


इससे पहले, 4 अक्टूबर को उन्होंने ट्रंप के प्रयासों को “निर्णायक प्रगति” बताते हुए लिखा था:”गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति के लिए हम राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व का स्वागत करते हैं। बंधकों की रिहाई के संकेत एक महत्वपूर्ण कदम हैं। भारत स्थायी और न्यायसंगत शांति की दिशा में सभी प्रयासों का मजबूती से समर्थन करता रहेगा।”
पीएम मोदी ने 30 सितंबर को भी ट्रंप के 20-सूत्री गाजा शांति प्लान का समर्थन किया था, इसे “फिलिस्तीनी और इजरायली लोगों के लिए लंबे समय तक टिकने वाली शांति, सुरक्षा और विकास का व्यवहार्य मार्ग” बताया।पृष्ठभूमि: गाजा शांति योजना का संक्षिप्त विवरणट्रंप का 20-सूत्री प्लान: सितंबर 2025 में घोषित यह योजना गाजा संघर्ष को समाप्त करने पर केंद्रित है, जिसमें बंधकों की रिहाई, इजरायली सेना की धीमी वापसी, मानवीय सहायता के लिए सीमाओं का खुलना और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई शामिल है। हमास ने योजना के प्रमुख बिंदुओं को स्वीकार कर लिया, जिसमें सत्ता हस्तांतरण भी है।
रिहाई की प्रक्रिया: 7 अक्टूबर 2023 के हमास हमले में अपहृत 20 जीवित बंधक आज (13 अक्टूबर) इजरायल पहुंचे। इसके बदले इजरायल ने फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया। 28 मृत बंधकों के शवों की भी वापसी की योजना है।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर और अन्य विश्व नेता इस समझौते का स्वागत कर चुके हैं। ट्रंप आज इजरायल दौरे के बाद मिस्र के शर्म अल-शेख में 20 से अधिक देशों के नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन करेंगे।

भारत का रुखभारत ने शुरू से ही गाजा संकट में कूटनीतिक समाधान का समर्थन किया है। पीएम मोदी ने ट्रंप से फोन पर बात कर योजना की सफलता पर बधाई दी और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ताओं पर भी चर्चा की। भारत ने आतंकवाद की निंदा दोहराई और कहा कि “किसी भी रूप में आतंकवाद अस्वीकार्य है”। यह बयान भारत की इजरायल के साथ मजबूत साझेदारी और पश्चिम एशिया में शांति की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।यह घटनाक्रम गाजा युद्ध के दो वर्ष पूरे होने के ठीक बाद आया है, जो हजारों मौतों और मानवीय संकट का कारण बना। पीएम मोदी के समर्थन से भारत वैश्विक मंच पर शांति प्रयासों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनकर उभरा है।

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